फिल्म की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
साल 2017 में रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ ने भारतीय सिनेमा में इतिहास रच दिया था। यह फिल्म मेवाड़ की रानी पद्मावती की वीरता और जौहर की कहानी पर आधारित है। दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने इस फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। फिल्म ने अपनी भव्यता, संगीत और कहानी के लिए कई प्रशंसाएं प्राप्त कीं। अब, सात साल बाद, यह फिल्म एक बार फिर बड़े पर्दे पर रिलीज होने जा रही है।
फैंस के बीच उत्साह का माहौल
फिल्म को दोबारा रिलीज किए जाने की खबर ने फैंस के बीच उत्साह भर दिया है। सोशल मीडिया पर फैंस अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं और इसके लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह फिल्म न केवल एक ऐतिहासिक कहानी को जीवंत करती है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक भी पेश करती है। रानी पद्मावती का जौहर और उनकी वीरता दर्शकों के दिलों में आज भी जिंदा है।
फिल्म की विशेषताएं
‘पद्मावत’ की सबसे बड़ी खासियत इसकी भव्यता और संजय लीला भंसाली का निर्देशन है। फिल्म के शानदार सेट, अद्भुत कॉस्ट्यूम्स और संगीत ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बनाया। रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी के रूप में अपनी नकारात्मक भूमिका से दर्शकों को हैरान कर दिया, वहीं दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती के रूप में अपनी सादगी और साहस से सभी का दिल जीत लिया। शाहिद कपूर ने राजा रतन सिंह के रूप में अपनी गरिमा और वीरता को बखूबी दिखाया।
कब होगी फिल्म की रिलीज?
फिल्म ‘पद्मावत’ 26 जनवरी 2025 को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज होगी। यह दिन भारतीय गणतंत्र दिवस होने के कारण और भी खास माना जा रहा है। फिल्म को पूरे भारत में प्रमुख सिनेमाघरों में दिखाया जाएगा। इसे देखने का मौका उन लोगों के लिए खास है जिन्होंने इसे पहले बड़े पर्दे पर नहीं देखा था।
फिल्म की कहानी और विवाद
रानी पद्मावती की कहानी न केवल उनकी सुंदरता बल्कि उनकी बुद्धिमत्ता और बलिदान की गाथा है। हालांकि, फिल्म की रिलीज के समय इसके खिलाफ कई विवाद हुए। करणी सेना और अन्य संगठनों ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन अंततः सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फिल्म रिलीज हो सकी। इन विवादों के बावजूद, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की।
फिल्म का सांस्कृतिक महत्व
‘पद्मावत’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह फिल्म हमें अपने इतिहास और परंपराओं को समझने का मौका देती है। रानी पद्मावती का जौहर उनकी वीरता और सम्मान की रक्षा के लिए किए गए त्याग का प्रतीक है
सात साल बाद ‘पद्मावत’ की वापसी न केवल फिल्म प्रेमियों के लिए बल्कि इतिहास प्रेमियों के लिए भी एक विशेष अवसर है। यह फिल्म हमें अपने अतीत से जुड़ने का मौका देती है। अगर आपने इसे पहले नहीं देखा है, तो यह मौका हाथ से जाने न दें। 26 जनवरी को सिनेमाघरों में जाकर इस ऐतिहासिक गाथा का आनंद लें
