नई नीति का ऐलान
उत्तराखंड सरकार ने उन बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की है, जिन्होंने असाधारण वीरता का परिचय दिया है। अब तक, यह पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा दिया जाता था, लेकिन अब राज्य स्तर पर भी इसे शुरू किया जा रहा है। यह कदम प्रदेश के बहादुर बच्चों को उनकी निडरता और साहस के लिए सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
प्रस्ताव को जल्द मिलेगी मंजूरी
उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद ने वीरता पुरस्कार के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे 17 फरवरी को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो यह योजना राज्य में आधिकारिक रूप से लागू कर दी जाएगी।
पुरस्कार के मानदंड और चयन प्रक्रिया
इस पुरस्कार के लिए 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नामांकित किया जाएगा। चयन प्रक्रिया के दौरान उन घटनाओं को ध्यान में रखा जाएगा, जिनमें बच्चों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की मदद की हो। आग, जल दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं, सड़क दुर्घटनाएं या अन्य किसी भी खतरनाक स्थिति में बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चुना जाएगा।
राज्य स्तरीय सम्मान समारोह
इस योजना के तहत हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर देहरादून में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। उन्हें प्रशस्ति पत्र, पदक और नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी बहादुरी को मान्यता मिलेगी।
प्रेरणा का स्रोत बनेगी यह पहल
यह पुरस्कार न केवल बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाएगा, बल्कि पूरे समाज में साहस और निस्वार्थता की भावना को भी मजबूत करेगा। इससे अन्य बच्चे भी कठिन परिस्थितियों में निडरता से काम करने की प्रेरणा लेंगे। यह योजना उत्तराखंड के साहसी बच्चों को एक नई पहचान देने में मदद करेगी।
