उत्तराखंड की बेटियां अब देश की रक्षा सेवाओं में भी अपनी पहचान बना रही हैं। इसी कड़ी में कोटद्वार की दिव्याक्षी देवरानी ने भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट एजुकेशन ऑफिसर के रूप में चयनित होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 20 दिसंबर को उन्होंने केरल के कोच्चि में अपनी ट्रेनिंग शुरू की और अब वे एक सशक्त सैन्य अधिकारी बनने की ओर अग्रसर हैं।
परिश्रम और समर्पण की मिसाल
दिव्याक्षी की यह उपलब्धि कोई संयोग नहीं, बल्कि उनके कठोर परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात मेहनत की और चुनौतियों को पार कर इस मुकाम तक पहुंची हैं। उनका यह सफर सभी युवाओं को प्रेरित करता है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और प्रेरणा
दिव्याक्षी की प्रारंभिक शिक्षा कोटद्वार में हुई। पढ़ाई में उनकी गहरी रुचि थी, और वे हमेशा अपने शिक्षकों की प्रिय छात्रा रहीं। उन्होंने कोटद्वार के पीजी विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनकी सफलता में उनके परिवार और शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
भारतीय नौसेना में चयन की प्रक्रिया
भारतीय नौसेना में चयन की प्रक्रिया अत्यंत कठिन होती है। इसमें लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और इंटरव्यू शामिल होते हैं। दिव्याक्षी ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार किया और अपने सपने को साकार किया।
परिवार और समाज की प्रतिक्रियाएँ
उनके माता-पिता और परिवारजन इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी दिव्याक्षी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उनके कॉलेज के प्रोफेसर डीएस नेगी ने भी दिव्याक्षी की मेहनत और समर्पण की सराहना की।
महिला सशक्तिकरण और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आज की युवा पीढ़ी के लिए दिव्याक्षी की सफलता एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मन में दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। यह उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है और समाज को यह संदेश देती है कि बेटियां भी हर क्षेत्र में अपनी जगह बना सकती हैं।
दिव्याक्षी देवरानी की इस सफलता ने पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास ने यह दिखा दिया है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे दिल से अपने लक्ष्य की ओर बढ़े, तो वह निश्चित ही सफल होता है। हम उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देते हैं और आशा करते हैं कि वे आगे भी ऐसे ही प्रदेश और देश का नाम रोशन करती रहेंगी।
