डिजिटल टेक्नोलॉजी से बदलता राशन वितरण
उत्तराखंड में सरकारी राशन वितरण प्रणाली अब डिजिटल हो रही है। सरकार ने पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के उद्देश्य से ग्रेन एटीएम मशीनें स्थापित की हैं, जिससे लाभार्थियों को सीधे और बिना किसी बिचौलिए के राशन प्राप्त हो सके।
21 स्थानों पर ग्रेन एटीएम मशीनें स्थापित
उत्तराखंड सरकार ने अब तक 21 ग्रेन एटीएम मशीनें लगाई हैं, जिनमें देहरादून के 4 स्थान भी शामिल हैं। इन मशीनों का उपयोग करने के लिए लाभार्थियों को केवल अपने राशन कार्ड नंबर और बायोमेट्रिक पहचान की आवश्यकता होगी। यह सुविधा उन्हें बिना किसी परेशानी के अनाज प्राप्त करने में मदद कर रही है।
राशन घोटाले पर लगेगी रोक
राशन वितरण में अक्सर भ्रष्टाचार और कालाबाजारी की शिकायतें मिलती रही हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए गोदामों में डिजिटल वज़न कांटे (धर्मकांटे) लगाने का फैसला किया है, ताकि राशन की सही मात्रा लाभार्थियों तक पहुंच सके। साथ ही, एटीएम मशीनों से राशन मिलने के कारण दुकानों पर हेराफेरी की संभावना भी कम हो गई है।
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का लाभ
ग्रेन एटीएम मशीनें वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत संचालित की जा रही हैं। इसका लाभ प्रवासी मजदूरों को मिल रहा है, जो उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के राशन कार्डधारक भी यहां से अनाज प्राप्त कर सकते हैं। इससे देशभर में रहने वाले लाभार्थियों को आसानी से उनके हिस्से का राशन मिल रहा है।
लाभार्थियों को हो रही सहूलियत
ग्रेन एटीएम से राशन वितरण होने के कारण लाभार्थियों को अब राशन डीलरों की मनमानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वे बिना किसी देरी और परेशानी के अपने हिस्से का अनाज प्राप्त कर रहे हैं।
भविष्य की योजनाएं
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में उत्तराखंड के सभी जिलों में ग्रेन एटीएम लगाए जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सके। इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी इस तकनीक को लागू करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
उत्तराखंड में ग्रेन एटीएम मशीनों की शुरुआत से राशन वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी, कुशल और लाभार्थियों के अनुकूल हो गई है। यह पहल भ्रष्टाचार रोकने, प्रवासी मजदूरों को राहत देने और सरकारी योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
