हमले का समय और तरीका
गुरुवार रात नागपुर के महाल और हंसपुरी इलाके में हिंसा भड़क उठी। रात 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच, नकाबपोश दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों को निशाना बनाया। स्थानीय लोगों के अनुसार, सबसे पहले उन्होंने सीसीटीवी कैमरों को नष्ट किया और फिर लाठी-डंडों से संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
एक दुकानदार ने बताया कि जब उसने अपनी दुकान बंद की, तब अचानक उसे गाड़ियों में आग लगती दिखाई दी। जब उसने आग बुझाने की कोशिश की, तो दंगाइयों ने उस पर पत्थर फेंक दिया। वहीं, एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उन्होंने अपनी पहली मंजिल से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की।
पुलिस की देरी पर सवाल
स्थानीय विधायक प्रवीण दटके ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक पुलिस पहुंची, तब तक हिंसा चरम पर थी। उन्होंने दावा किया कि इस घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया और इसमें बाहरी लोग भी शामिल थे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने इस हिंसा की निंदा करते हुए सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को देखना चाहिए कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं और कौन इसके लिए जिम्मेदार है।
फिलहाल, नागपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पुलिस बल तैनात किया गया है। नागरिकों में डर का माहौल बना हुआ है और वे प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
