घटना जिसने क्रिकेट को चौंका दिया
आईपीएल 2025 का शुक्रवार का मुकाबला लखनऊ सुपर जाएंट्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेला गया। लेकिन मैच का असली ड्रामा 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर हुआ, जब तिलक वर्मा – जो 23 गेंदों पर 25 रन बनाकर सेट थे – अचानक रिटायर्ड आउट होकर पवेलियन लौट गए। उनकी जगह मिचेल सैंटनर को भेजा गया और आखिरी ओवर में मुंबई मुकाबला 12 रन से हार गई।
विशेषज्ञों का मिला-जुला रुख
इस फैसले पर क्रिकेट विश्लेषकों के बीच मतभेद देखने को मिले हैं। कुछ इसे आधुनिक T20 रणनीति की मिसाल बता रहे हैं, तो कुछ ने इसे मुंबई की सबसे बड़ी भूल करार दिया।
आकाश चोपड़ा: “यह एक अपरिपक्व निर्णय था”
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने कहा:
“जब आपका एक बल्लेबाज क्रीज पर सेट है और स्ट्राइक रेट भी ठीक-ठाक है, तो उसे बाहर बुलाना गलत रणनीति है। ये किसी भी T20 मुकाबले में बैकफायर कर सकता है – जैसा कि यहां हुआ।”
संजय मांजरेकर: “क्रिकेट में प्रयोग ज़रूरी हैं”
वहीं संजय मांजरेकर ने इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा:
“T20 एक तेज़ और बदले हुए सोच का खेल है। तिलक का बाहर जाना शायद मैदान के लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन को ध्यान में रखकर हुआ। यह प्रयोग असफल रहा, लेकिन यह दर्शाता है कि टीमें अब हार-जीत से आगे रणनीति में सोच रही हैं।”
हार्दिक पांड्या की सोच: दांव खेलना ज़रूरी था
कप्तान हार्दिक ने फैसले का बचाव करते हुए कहा, “हमें तेज़ रन चाहिए थे, और हमने सोचा कि सैंटनर बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में बेहतर हिट लगा सकते हैं। यह रिस्क था – जो चल नहीं पाया।”
क्या यह एक ‘डेटा-ड्रिवन’ कॉल था?
मुंबई इंडियंस जैसे फ्रेंचाइज़ी अपनी टीम रणनीति में डेटा और एनालिटिक्स का भरपूर उपयोग करती हैं। संभव है कि टीम एनालिस्ट्स के मुताबिक सैंटनर की स्ट्राइक रेट या खास गेंदबाज़ के खिलाफ रिकॉर्ड बेहतर हो – और इसी आधार पर यह निर्णय लिया गया हो।
हरभजन सिंह: “तिलक को हटाना गलत था”
हरभजन ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“T20 का मतलब रिस्क लेना ज़रूर है, लेकिन जब तक कोई खिलाड़ी आउट नहीं होता, उसे भेजना समझ से परे है।”
जयवर्धने की भूमिका पर भी सवाल
मैच के दौरान कोच महेला जयवर्धने के हावभाव भी कैमरे में कैद हुए। जब सूर्यकुमार यादव ने हैरानी जताई, तब जयवर्धने उनके कान में कुछ कहते दिखे – जिससे यह साफ हुआ कि फैसला शायद डगआउट से आया था, न कि केवल बल्लेबाज का था।
क्या रिटायर्ड आउट का चलन बढ़ेगा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भविष्य में टी20 क्रिकेट में यह फैसला आम हो सकता है – खासकर जब खिलाड़ी बड़े हिट लगाने में असफल हो रहे हों। लेकिन इसकी टाइमिंग और परिस्थिति अहम है। गलत समय पर लिया गया यह निर्णय टीम को भारी पड़ सकता है – जैसा इस मैच में हुआ।
आईपीएल में पहले भी हुए हैं ऐसे फैसले
यह आईपीएल इतिहास में चौथी बार है जब कोई बल्लेबाज रिटायर्ड आउट हुआ है। लेकिन यह पहली बार था जब इतना निर्णायक मोड़ मैच में इस तरह से आया। इससे यह भी जाहिर होता है कि आईपीएल जैसे मंच पर रणनीति भी उतनी ही अहम है जितनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी।
प्रयोग और परिणाम का खेल है टी20
तिलक वर्मा का रिटायर्ड आउट होना T20 क्रिकेट के बदलते स्वरूप की बानगी है। यह फैसला अगर चल जाता, तो शायद “जीनियस” कहलाता – लेकिन हार ने इसे विवाद का विषय बना दिया। विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है, लेकिन एक बात सब मानते हैं – अब क्रिकेट सिर्फ बल्ले और गेंद का खेल नहीं रहा, यह डेटा, दिमाग और दुस्साहस का खेल बन चुका है।
