जब फरियाद बनी भावना, और अधिकारी बन गया सहारा
देहरादून जिला प्रशासन का जनता दर्शन इस बार केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं रहा। यह एक ऐसा मंच बन गया, जहां इंसानियत, संवेदनशीलता और कर्तव्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। जिलाधिकारी सविन बंसल ने जनता की बात सुनते हुए जो फैसले लिए, वो न सिर्फ प्रशासनिक दायित्व की मिसाल हैं बल्कि मानवीयता की भी मिसाल हैं।
174 फरियादी पहुंचे अपनी फरियाद लेकर
जनता दर्शन में कुल 174 फरियादियों ने भाग लिया। हर व्यक्ति अपनी अलग-अलग समस्याएं लेकर पहुंचा था। किसी को जमीन का विवाद था, किसी को कानूनी सहायता चाहिए थी, तो किसी को जीवन के लिए मूलभूत सुविधाएं।
एक माँ की आंखों से छलके दर्द के आंसू
इन 174 फरियादियों में एक माँ भी थीं, जो नेमी रोड क्षेत्र की निवासी थीं। वह अपनी बेटी की शिक्षा को लेकर बेहद चिंतित थीं। जैसे ही उन्होंने अपनी बात जिलाधिकारी के समक्ष रखनी शुरू की, उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। यह दृश्य इतना भावुक कर देने वाला था कि डीएम सविन बंसल भी खुद को रोक नहीं पाए और भावुक हो उठे।
बेटी के लिए खुले शिक्षा के द्वार
बेटी प्राची सिंह MCA करना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी ने उसके सपनों को रोक रखा था। जिलाधिकारी ने तत्काल अधिकारियों को आदेश दिया कि ‘नंदा-सुनंदा योजना’ के अंतर्गत उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया जाए और अच्छे शिक्षण संस्थान में दाखिला दिलाया जाए। इस फैसले ने न सिर्फ एक बेटी का भविष्य संवारा बल्कि एक माँ को भी नया हौसला दिया।
जमीन कब्जा मामलों पर कड़ा रुख
जनता दर्शन में कई लोग भूमि कब्जे की शिकायत लेकर आए। जिलाधिकारी ने साफ कहा कि किसी भी प्रकार की अवैध कब्जेदारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राजस्व विभाग और पुलिस को निर्देश दिया कि पीड़ितों को उनकी भूमि का तत्काल अधिकार दिलाया जाए।
पारिवारिक विवाद में मिला न्याय का भरोसा
नत्थनपुर निवासी पुष्पा देवी ने अपने ही परिवार द्वारा किए गए अत्याचार की बात कही। संपत्ति पर कब्जा और मारपीट की घटनाएं सुनकर डीएम ने नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी और तहसीलदार को निर्देश दिए कि पूर्व आदेशों के अनुसार जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए।
दुकानों पर अवैध कब्जा, प्रशासन ने थामा हाथ
झाझरा की एक महिला ने बताया कि उसके पति की चार दुकानों पर अवैध कब्जा कर लिया गया है और किराया भी नहीं दिया जा रहा। डीएम ने तुरंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सरकारी वकील नियुक्त करने के आदेश दिए ताकि कानूनी कार्रवाई में मदद मिल सके।
वर्षों से प्यासे बंजारावाला वासी
वीडी नैथानी नामक व्यक्ति ने बताया कि उनके क्षेत्र में 10 वर्षों से पेयजल की समस्या बनी हुई है। डीएम ने जल संस्थान के अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए और भरोसा दिलाया कि जल्द समाधान होगा।
बुजुर्ग महिला को मिला सहारा
83 वर्षीय सावित्री देवी ने अपने बेटे के निधन के बाद कोर्ट से भरणपोषण की राशि दिलाने का आदेश तो पा लिया, लेकिन बहू द्वारा पालन न करने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए एसडीएम को निर्देश दिए कि कोर्ट के आदेशों को सख्ती से लागू कराएं।
जर्जर भवन ध्वस्तीकरण की पुरानी मांग
खुडबुड़ा निवासी एक बुजुर्ग पिछले 10 वर्षों से जर्जर गिरासू भवन को ध्वस्त कराने की गुहार लगा रहे थे। इस पर भी कोई कार्यवाही न होने से वह निराश थे। डीएम ने इस मामले में संबंधित विभाग को कारण बताने और तुरंत समाधान की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए।
जनता दर्शन बना लोगों की उम्मीद की किरण
इस जनता दर्शन के माध्यम से यह साबित हो गया कि जब एक संवेदनशील और सक्रिय अधिकारी जन समस्याओं को दिल से सुनता है, तो समाधान केवल कागजों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि ज़मीनी स्तर पर असर दिखता है। डीएम सविन बंसल की यह पहल प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक उदाहरण बन गई है।
निष्कर्ष: संवेदना, समाधान और संकल्प
देहरादून का यह जनता दर्शन प्रशासन की संवेदनशीलता, तत्परता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनकर उभरा है। डीएम सविन बंसल की संवेदनशील प्रतिक्रिया ने न केवल एक परिवार की ज़िंदगी बदली, बल्कि यह भी दर्शाया कि प्रशासन यदि चाहे, तो सिर्फ समस्याएं नहीं सुनता—बल्कि समाधान भी देता है।
