नीतीश की मजबूती और विपक्ष की उलझन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए की ओर से चेहरे होंगे, इस पर सत्तारूढ़ गठबंधन में एकराय है। लेकिन विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राजद, के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस का ‘फुल फॉर्म’ प्लान
कांग्रेस ने जिस तेजी से संगठन में बदलाव किया है और चुनावी तैयारियों में जुटी है, वह दिखाता है कि इस बार पार्टी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दलित नेता की तैनाती और पिछड़े जिलाध्यक्षों की नियुक्ति इसके प्रमाण हैं।
2000 और 2010 की पुनरावृत्ति?
कांग्रेस पहले भी वर्ष 2000 और 2010 में सभी सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन दोनों बार उसे नाकामी हाथ लगी। क्या 2025 में इतिहास खुद को दोहराएगा या कांग्रेस इस बार कोई चौंकाने वाली सफलता पाएगी?
राजद की कशमकश
तेजस्वी यादव के सामने यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि वह कांग्रेस को कितनी सीटें दें। अगर कांग्रेस अकेले लड़ती है, तो महागठबंधन की स्थिति कमजोर होगी। लेकिन अगर वह ज्यादा सीटों की मांग करती है, तो राजद को नुकसान हो सकता है।
नए सियासी समीकरण
प्रशांत किशोर और शिवदीप लांडे जैसे नए चेहरे पूरे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ही दलों ने सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिससे त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में एनडीए को भी राहत मिल सकती है।
