चमोली, 30 जनवरी 2025: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विष्णुगाड़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना (वीपीएचईपी) के निर्माण में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 30 जनवरी 2025 को परियोजना के पावर हाउस सर्विस बे में यूनिट-1 टरबाइन के रोटर और स्टे रिंग की असेंबली प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परियोजना की विद्युत-यांत्रिक उपकरणों की स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे परियोजना को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करने में सहायता मिलेगी।

रोटर असेंबली जनरेटर यूनिट का एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है, जिसका व्यास 6986 मिमी और वजन 210 टन है। यह 24 पोल से बना है और इसकी असेंबली तकनीकी दृष्टि से एक जटिल प्रक्रिया होती है। वहीं, स्टे रिंग, जो टरबाइन असेंबली का एक अनिवार्य हिस्सा है, 5915 मिमी व्यास और 29 टन वजन का है। इन घटकों की असेंबली के साथ, परियोजना ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है।
इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेन्द्र गुप्ता ने सभी अधिकारियों और इंजीनियरों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता और दक्षता इस परियोजना को समय पर पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी दोहराया कि यह परियोजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगी और उत्तरी ग्रिड की विद्युत आपूर्ति को सुदृढ़ करेगी।

परियोजना प्रमुख, श्री अजय वर्मा (मुख्य महाप्रबंधक, परियोजना) ने इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल के शीर्ष नेतृत्व को उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “रोटर और स्टे रिंग असेंबली का सफलतापूर्वक पूरा होना, पूरी वीपीएचईपी टीम की मेहनत और उत्कृष्ट इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है। यह हमारी परियोजना को तय समय सीमा में पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
विष्णुगाड़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना (वीपीएचईपी) एक 444 मेगावाट की रन-ऑफ-रिवर परियोजना है, जिसे टीएचडीसीआईएल द्वारा अलकनंदा नदी पर विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना में 111 मेगावाट की चार विद्युत उत्पादन इकाइयाँ हैं। इसके चालू होने पर प्रति वर्ष 1,657.07 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली का उत्पादन होगा, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

ऊर्जा उत्पादन के अलावा, यह परियोजना क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। टीएचडीसीआईएल इस परियोजना के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहा है, बल्कि स्थानीय समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान दे रहा है।
