हादसे की पृष्ठभूमि
दिल्ली के बुराड़ी स्थित कौशिक एंक्लेव में एक चार मंजिला इमारत के अचानक गिर जाने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोगों को दो दिन बाद मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
बचाव कार्य की देरी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि बचाव कार्य तेजी से किया जाता, तो शायद और भी लोगों की जान बचाई जा सकती थी। एनडीआरएफ की टीम ने 48 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद चार लोगों को जिंदा बाहर निकाला।
कैसे बचा परिवार?
बचाए गए चारों लोग एक संकरे स्थान में दबे हुए थे, जहां उन्हें थोड़ी बहुत हवा मिल रही थी। उनके पास पानी और भोजन नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत बनाए रखी और अंततः बचाव दल द्वारा सुरक्षित निकाले गए।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
इलाके के निवासियों ने इस हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इलाके में अवैध निर्माण की शिकायतें बार-बार की गईं, लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।
सरकारी जांच और कार्रवाई
दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा भी की गई है।
क्या अब भी सीख ली जाएगी?
यह हादसा प्रशासन की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। यदि समय रहते जरूरी कदम उठाए जाते, तो शायद इतनी जानें नहीं जातीं। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।
