चार मंजिला इमारत के गिरने से मचा हड़कंप
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में सोमवार शाम एक भयावह घटना घटी, जब कौशिक एंक्लेव क्षेत्र में एक निर्माणाधीन चार मंजिला इमारत अचानक गिर पड़ी। इस हादसे में दो मासूम बच्चियों की जान चली गई और 13 अन्य लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। घटना के समय इमारत में मजदूर और उनके परिवार के लोग मौजूद थे।
बचाव अभियान में प्रशासन की तत्परता
घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम और नगर निगम की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। बचाव अभियान रातभर चलता रहा। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए क्रेन, आधुनिक उपकरण और स्थानीय निवासियों की मदद ली गई। राहत कार्यों में तेजी दिखाते हुए 13 लोगों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
मुख्यमंत्री आतिशी का बयान
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।” मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने का निर्देश दिया है।
हादसे की प्रारंभिक जांच
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया था। इसके साथ ही, निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस इमारत को लेकर पहले ही शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन प्रशासन ने उन पर ध्यान नहीं दिया।
मृतकों और घायलों का हाल
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घटना में घायल हुए 13 लोगों में से कुछ की हालत गंभीर है। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बचाई जा सकी। मृतकों में 8 और 12 साल की दो बच्चियां शामिल हैं, जो मजदूर परिवारों की थीं।
स्थानीय निवासियों का रोष
इस घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि यदि समय रहते इमारत की गुणवत्ता की जांच की जाती, तो यह हादसा टाला जा सकता था। निवासियों ने निर्माण कार्य में अनियमितताओं और घटिया सामग्री के उपयोग की बार-बार शिकायत की थी।
भविष्य के लिए सरकार की योजना
इस हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्य की निगरानी को लेकर कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। सरकार ने कहा है कि सभी निर्माणाधीन इमारतों की गुणवत्ता की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, निर्माण से संबंधित नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए नई नीतियां बनाई जाएंगी।
प्रशासन के सामने चुनौतियां
यह हादसा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर में निर्माण कार्य के दौरान कड़े मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
बुराड़ी का यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना हमें सिखाती है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता घातक साबित हो सकता है। सरकार और प्रशासन को पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा देने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए
