तीसरी बार श्रीलंका में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 और 2019 के बाद यह तीसरी श्रीलंका यात्रा है। हर बार की तरह इस बार भी यात्रा के पीछे मजबूत कूटनीतिक और रणनीतिक उद्देश्य नजर आ रहे हैं। श्रीलंका की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और भारत के साथ संबंधों की ज़रूरत को देखते हुए यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण बन जाता है।
स्वागत की भव्यता में छिपा संदेश
एयरपोर्ट पर पांच मंत्रियों द्वारा अगवानी, फिर स्वतंत्रता चौक पर तोपों की सलामी — यह सब दर्शाता है कि श्रीलंका भारत को न केवल एक मित्र, बल्कि एक भरोसेमंद साझेदार मानता है।
बातचीत के केंद्र में आर्थिक सहयोग
श्रीलंका इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत, जिसने पहले भी ईंधन और खाद्य आपूर्ति में मदद की थी, अब ऋण पुनर्गठन और व्यापार वृद्धि के माध्यम से फिर से सहारा देने को तैयार है। पीएम मोदी की इस यात्रा से इन मुद्दों पर सकारात्मक प्रगति की उम्मीद है।
नए युग की साझेदारी
इस यात्रा के माध्यम से भारत और श्रीलंका के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ सकता है। विशेषकर सुरक्षा सहयोग, समुद्री निगरानी, डिजिटल कनेक्टिविटी और पर्यटन को लेकर नई पहल की उम्मीद की जा रही है।
