सपने देखने की हिम्मत रखो, किस्मत कभी भी करवट ले सकती है
पौड़ी गढ़वाल के एक छोटे से गांव पदमपुर से निकलकर देश की सेवा में तैनात जवान विनोद सिंह रावत की जिंदगी ने एक रात में ऐसा मोड़ लिया जिसकी कल्पना उन्होंने भी नहीं की थी। केवल 49 रुपये में बनाई गई एक ड्रीम11 टीम ने उन्हें 3 करोड़ रुपये का विजेता बना दिया। यह सिर्फ एक आर्थिक जीत नहीं, बल्कि उम्मीद, आत्मविश्वास और मेहनत की जीत है।
हर फुर्सत में क्रिकेट, हर सोच में परिवार
भारतीय सेना में 14 गढ़वाल राइफल में तैनात विनोद जब ड्यूटी से फुर्सत पाते, तो क्रिकेट देखते और ड्रीम11 पर टीमें बनाते। उनके लिए यह सिर्फ मनोरंजन नहीं था, बल्कि एक जुनून था। परिवार की बेहतर जिंदगी का सपना आंखों में लेकर, वह हर बार नई रणनीति के साथ टीम बनाते।
IPL की उस रात का जादू
4 अप्रैल 2025 की रात, जब कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आईपीएल मैच खेला जा रहा था, विनोद ने भी ड्रीम11 पर अपनी टीम बनाई। उन्होंने कप्तान बनाया वेंकटेश अय्यर को, जिन्होंने 60 रनों की पारी खेली। वाइस कैप्टन रखा वरुण चक्रवर्ती को, जिन्होंने 3 विकेट झटके। यह वही संयोजन था, जिसने उन्हें टॉप रैंक दिलाई और जीत की सीढ़ी पर चढ़ा दिया।
सुबह का सूरज करोड़पति बनकर देखा
सुबह जब विनोद ने ड्रीम11 ऐप चेक किया, तो उन्हें अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। उनकी टीम नंबर एक पर थी, और इनाम के तौर पर ₹3,00,00,000 (तीन करोड़ रुपये) का आंकड़ा उनके सामने था। वह कुछ देर तक चुप रहे, फिर मुस्कराए और सबसे पहले अपनी मां को गले लगा लिया।
मां-बाप की आंखों में गर्व के आँसू
विनोद के माता-पिता सामान्य ग्रामीण किसान हैं। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनका बेटा करोड़पति बनेगा। जब विनोद ने जीत की खबर सुनाई, उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। वह भावुक थे, लेकिन साथ ही गर्व से भरे हुए। गांव के बुजुर्गों ने आकर आशीर्वाद दिया और कहा, “विनोद ने पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।”
गांव बना उत्सव स्थल
कोटद्वार के पदमपुर गांव में मानो दिवाली पहले ही आ गई हो। ढोल-नगाड़ों के साथ लोग विनोद के घर पहुंचे, मिठाइयां बांटी गईं और बच्चे भी उनके नाम के नारे लगाते दिखे। ऐसा दृश्य गांव में शायद ही कभी देखा गया हो।
विनोद बोले: “यह पैसा सिर्फ मेरा नहीं है”
अपनी जीत के बारे में विनोद ने कहा, “यह पैसा मेरे अकेले का नहीं है। इसमें मेरे माता-पिता की दुआएं, सेना की अनुशासन और मेरे सपनों का योगदान है।” उन्होंने आगे कहा कि वे इस राशि का उपयोग बेटी की पढ़ाई, परिवार के लिए घर बनाने, और कुछ गरीब बच्चों की मदद में करेंगे।
ड्रीम11: गेम नहीं, जिंदगी बदलने वाला जरिया
ड्रीम11 पर लाखों लोग हर दिन किस्मत आजमाते हैं, लेकिन जीतते वही हैं जो रणनीति के साथ खेलते हैं। विनोद की कहानी यह बताती है कि सही सोच, संयम और थोड़ा भाग्य—इन्हीं तीन बातों से जीवन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
सैनिक और करोड़पति—एक साथ
अब विनोद सिर्फ एक फौजी नहीं रहे, अब वह एक सफल ड्रीम11 विजेता भी हैं। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि उनका पहला कर्तव्य सेना और देश के प्रति है। पैसे की खुशी के बीच भी वह अपनी वर्दी और ज़िम्मेदारियों को नहीं भूले।
सरल जीवन, बड़ी सोच
विनोद ने इस दौरान यह भी साझा किया कि वह पैसे के साथ दिखावा नहीं करेंगे। “हम जैसे लोग सादगी में विश्वास रखते हैं। पैसे को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि सहेजने और समझदारी से खर्च करने के लिए मिला है,” उन्होंने कहा।
युवाओं के लिए प्रेरणा
उनकी यह सफलता देशभर के युवाओं को एक संदेश देती है—“सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो।” गांव का एक सादा जवान, बिना किसी शहरी चमक-धमक के, आज देशभर में सुर्खियों में है। इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है?
एक छोटी सी उम्मीद ने रच दिया इतिहास
विनोद सिंह रावत की कहानी यह दर्शाती है कि जब आप अपने सपनों में यकीन करते हैं और सही समय पर सही कदम उठाते हैं, तो 49 रुपये भी 3 करोड़ बन सकते हैं। यह केवल पैसे की नहीं, बल्कि आत्मबल, धैर्य और परिवार के प्रति प्रेम की कहानी है।
