राम मंदिर, जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, वहां अब ठगों का जाल फैलता जा रहा है। हाल ही में कुछ श्रद्धालुओं से वीआईपी दर्शन पास के नाम पर चार हजार रुपये की ठगी की गई। यह घटना प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
कैसे हुई ठगी?
लुधियाना निवासी संजीव कुमार गुप्ता अपनी पत्नी के साथ रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या आए थे। वे होटल में ठहरे हुए थे, जब एक महिला और एक पुरुष ने उनसे संपर्क कर विशेष वीआईपी दर्शन पास उपलब्ध कराने की बात कही।
गाइड का उपयोग करके श्रद्धालुओं को गुमराह करना
ठगों ने उन्हें एक गाइड भी दिया, जिसने उन्हें मंदिर तक पहुंचाया। लेकिन जब वे गेट तक पहुंचे, तो सुरक्षा कर्मियों ने पास को फर्जी बताते हुए उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद गाइड भी मौके से फरार हो गया।
पुलिस की तत्परता और प्रशासन की चुप्पी
श्रद्धालुओं की शिकायत पर पुलिस ने एक महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। नगर कोतवाल अश्वनी पांडे ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
धार्मिक स्थलों पर ठगी बढ़ने के कारण
- श्रद्धालुओं की भीड़: अधिक भीड़ के कारण ठग आसानी से लोगों को निशाना बना सकते हैं।
- अधूरी जानकारी: बहुत से श्रद्धालुओं को मंदिर प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचनाओं की जानकारी नहीं होती।
- सुरक्षा की कमी: पुलिस और प्रशासन द्वारा सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है।
श्रद्धालुओं के लिए बचाव के उपाय
- मंदिर प्रशासन द्वारा जारी किए गए अधिकृत पास का ही उपयोग करें।
- अनजान लोगों से संपर्क करने से बचें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
अयोध्या जैसे धार्मिक स्थल पर बढ़ती ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन और श्रद्धालुओं को मिलकर सतर्कता बरतनी होगी। केवल जागरूकता और उचित सुरक्षा व्यवस्था से ही इस समस्या से निपटा जा सकता है।
