जालंधर, 17 फरवरी 2025 – अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को लगातार डिपोर्ट किए जाने की घटनाओं से पंजाब के कई परिवार सदमे में हैं। हाल ही में अमृतसर एयरपोर्ट पर अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों की एक और खेप पहुंची, जिनमें जालंधर के गांव कोटली के रहने वाले रणजीत सिंह भी शामिल थे।
रणजीत सिंह (41) के माता-पिता ने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन और गहने तक बेच दिए थे। परिवार को उम्मीद थी कि वह विदेश में अच्छी कमाई करके उनका कर्ज उतार देगा और जीवन बेहतर बनाएगा। लेकिन जब उन्हें पता चला कि अमेरिका ने उसे डिपोर्ट कर दिया है, तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
रणजीत की बहन कंचन ने बताया, “हमने अपने भाई को वहां सेट करने के लिए सब कुछ लगा दिया था। जब पता चला कि उसे पकड़ लिया गया है और वापस भेज दिया जा रहा है, तो मां की तबीयत बिगड़ गई। अब हमारे पास न घर बचा है और न पैसा।” रणजीत को अमेरिका भेजने के लिए एक ट्रैवल एजेंट को 50 लाख रुपये दिए गए थे, जिनमें से 30 लाख रुपये उधार लिए गए थे।
रणजीत सिंह 2024 की शुरुआत में अमेरिका के लिए निकला था। पहले वह दुबई गया, फिर वहां से ब्राजील और अंत में मध्य अमेरिका के रास्ते अमेरिका पहुंचा। लेकिन अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और महीनों तक हिरासत में रखा। परिवार को उम्मीद थी कि वह किसी तरह वहां रुक जाएगा, लेकिन अंततः उसे भारत भेज दिया गया।
गांव में इस घटना को लेकर शोक की लहर है। गांव के लोगों ने कहा कि सरकार को ऐसे लोगों के लिए कोई राहत योजना निकालनी चाहिए जो अपनी जिंदगी संवारने के लिए विदेश गए और अब बदहाली में लौट रहे हैं।
