सड़क दुर्घटना से जीवन में आए बड़े बदलाव
हरिद्वार की पूजा आर्या का जीवन एक गंभीर सड़क दुर्घटना के कारण पूरी तरह बदल गया। रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण वह पिछले 11 वर्षों से व्हीलचेयर का सहारा ले रही हैं। हालांकि, उन्होंने इस स्थिति को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि इसे अपनी ताकत में बदल लिया।
शिक्षा में अनोखी उपलब्धि
पूजा आर्या ने दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और योग में यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा पास कर यह साबित किया कि कोई भी बाधा सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती। उनकी यह उपलब्धि हजारों छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत है।
छोटे भाई का मार्गदर्शन
उनके छोटे भाई डॉ. सूर्य प्रकाश ने उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘नेट-जेआरएफ विद सूर्या सर’ नामक यूट्यूब चैनल के माध्यम से उन्होंने अपनी बहन और कई अन्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन दिया।
शोध कार्य और अंतरराष्ट्रीय पहचान
पूजा केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने शोध के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके शोध पत्र मानसिक स्वास्थ्य, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी और योग के प्रभाव जैसे विषयों पर आधारित हैं, जो कई प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं।
योग और मानसिक संतुलन
योग ने पूजा के जीवन में विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने योग और ध्यान के माध्यम से अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक किया। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और योग के महत्व पर चर्चा की।
महिलाओं और समाज के लिए योगदान
पूजा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही हैं। वह अभियान एम्पावरमेंट के तहत कई महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा, योग और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित कर रही हैं। उनका मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनती हैं, तो पूरा समाज सशक्त होता है।
संघर्ष और सफलता की मिसाल
पूजा आर्या की कहानी यह दर्शाती है कि जीवन में किसी भी कठिनाई से हार मानने के बजाय, उसका डटकर सामना करना ही असली सफलता है। उनकी प्रेरणादायक यात्रा लाखों लोगों के लिए सीख है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी मुश्किल राह को रोके नहीं रख सकती।
