शोहरत और सफलता की राह
सत्तर और अस्सी के दशक में जब हेमा मालिनी, रेखा और पूनम ढिल्लों का बॉलीवुड पर दबदबा था, तब दीप्ति नवल ने अपनी सादगी और अभिनय कौशल से फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया। ‘चश्मे बद्दूर’, ‘अंगूर’, ‘अनकही’ और ‘फिराक’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने सहज अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया।
प्रकाश झा से शादी और अलगाव
दीप्ति नवल ने निर्देशक प्रकाश झा से शादी की, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा नहीं चला। दोनों ने अलग होकर अपने-अपने रास्ते चुन लिए। हालाँकि, इस रिश्ते से उनकी एक गोद ली हुई बेटी है। प्रकाश झा से अलग होने के बाद दीप्ति अकेली पड़ गईं, लेकिन उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया।
विनोद पांडे और पवन वर्मा से जुड़ा रिश्ता
प्रकाश झा के बाद उनकी जिंदगी में विनोद पांडे आए। दोनों का रिश्ता काफी अच्छा था, लेकिन यह ज्यादा समय तक नहीं चल सका। इसके बाद पवन वर्मा उनकी जिंदगी में आए, जो उनके लिए सच्चा प्यार साबित हुए। लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था और पवन वर्मा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझने लगे। दीप्ति ने उनका पूरा साथ दिया, लेकिन आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए।
पवन वर्मा की मृत्यु और दीप्ति का अकेलापन
पवन वर्मा की मृत्यु के बाद दीप्ति पूरी तरह से अकेली पड़ गईं। इस घटना ने उन्हें गहरा सदमा दिया। उन्होंने खुद को लेखन और कला में व्यस्त कर लिया। उनकी कविताएँ और किताबें आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
नए सफर की शुरुआत
अब 73 साल की उम्र में दीप्ति नवल फिल्मों से दूर अपनी रचनात्मकता को जी रही हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और उनकी चित्रकला प्रदर्शनियाँ भी होती हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन अपने हौसले को कभी कम नहीं होने दिया।
दीप्ति नवल की जिंदगी में कई प्यार आए, लेकिन कोई भी मुकम्मल नहीं हुआ। उन्होंने अपने दुख को ताकत में बदला और आज भी अपनी पहचान बनाए रखी है। उनके संघर्षों से हमें यही सीख मिलती है कि जिंदगी हमें चाहे जितनी भी मुश्किलें दे, हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए
