शनिवार सुबह अचानक महसूस हुए झटके
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया। शनिवार सुबह 10:37 बजे अचानक धरती कांपी, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई। झटके इतने स्पष्ट थे कि लोग तुरंत अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। कई इलाकों में लोग खुले मैदानों की ओर भागते दिखे।
कोई बड़ा नुकसान नहीं, लेकिन लोग डरे
हालांकि, राहत की बात यह रही कि अब तक किसी प्रकार की जान-माल की हानि की खबर सामने नहीं आई है। लेकिन बार-बार आने वाले इन भूकंपों ने स्थानीय लोगों को मानसिक रूप से अस्थिर कर दिया है। बच्चों और बुजुर्गों में खासकर डर का माहौल है।
भूकंप के केंद्र की जानकारी प्रतीक्षित
भूकंप का केंद्र और तीव्रता को लेकर अभी तक अधिकारिक सूचना नहीं आई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी से प्राप्त जानकारी का प्रशासन को इंतजार है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका केंद्र उत्तरकाशी के आसपास ही रहा होगा।
भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाका
उत्तरकाशी जनपद को भूकंप के लिहाज से ‘सोनिक जोन V’ में रखा गया है, जो सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र होता है। यहां वर्ष 1991 में आए विनाशकारी भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान गई थी और कई गांवों में भारी तबाही मची थी। तब से लेकर अब तक समय-समय पर यहां भूकंप के झटके महसूस होते रहे हैं।
जनवरी में 9 से अधिक बार हिली धरती
2025 की शुरुआत में ही जनवरी के महीने में उत्तरकाशी और आसपास के इलाकों में 9 से ज्यादा बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए। यह लगातार बढ़ती भूकंपीय गतिविधि चिंता का विषय बन चुकी है।
लोगों ने की भूकंप सुरक्षा प्रशिक्षण की मांग
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों, सरकारी संस्थानों और पंचायतों में भूकंप सुरक्षा को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अधिकांश लोग भूकंप के दौरान क्या करना है, इसकी जानकारी से अनभिज्ञ हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क, टीमें अलर्ट पर
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी राहत टीमों को सतर्क कर दिया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा है कि स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता पहुंचाई जाएगी। भूकंप के बाद किसी प्रकार की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं।
नागरिकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के समय लोगों को घबराना नहीं चाहिए। उन्हें तुरंत किसी खुले स्थान में चले जाना चाहिए, जहां बिजली के खंभे या पेड़ न हों। यदि व्यक्ति किसी इमारत के अंदर है, तो उसे टेबल या मजबूत चीज़ के नीचे बैठकर सिर और गर्दन को ढंकना चाहिए।
जागरूकता ही बचाव का पहला कदम
उत्तरकाशी में एक बार फिर भूकंप के झटकों ने चेतावनी दी है कि यह क्षेत्र अभी भी खतरे से मुक्त नहीं है। ऐसे में प्रशासन और आम नागरिकों को मिलकर सतर्कता और जागरूकता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
