ऑनलाइन गेमिंग के कारण घर से भागी लड़कियां, समाज और परिवार को सीखने की जरूरत
देहरादून के विकासनगर की दो नाबालिग लड़कियां ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ खेलते हुए एक अनजान लड़के के संपर्क में आईं और उससे मिलने के लिए घर छोड़कर भाग गईं। यह घटना केवल साइबर सुरक्षा से संबंधित नहीं है, बल्कि यह समाज और परिवार के बदलते समीकरणों को भी उजागर करती है।
घटना की पृष्ठभूमि
दोनों लड़कियां 2 फरवरी को घर से लापता हो गईं। कई दिनों तक परिवार परेशान रहा और पुलिस ने जांच शुरू की। आखिरकार, दोनों लड़कियों को पंजाब के बस स्टैंड से बरामद किया गया।
परिवार और समाज की भूमिका
इस घटना ने यह दर्शाया कि आज के समय में माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी है। किशोरों को उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है ताकि वे गलत संगति और प्रभाव से बच सकें।
बदलते सामाजिक मूल्य और गेमिंग का प्रभाव
आजकल बच्चे मोबाइल फोन और गेमिंग के प्रति अत्यधिक आकर्षित हैं। माता-पिता को यह समझना होगा कि बच्चों के साथ समय बिताना और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
समाज को क्या करना चाहिए?
- माता-पिता को बच्चों से संवाद बढ़ाना चाहिए।
- शिक्षकों और स्कूलों को साइबर सुरक्षा की शिक्षा देनी चाहिए।
- बच्चों में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए।
लड़कियों को सुरक्षित घर लौटाया गया
पुलिस ने उन्हें परिवार को सौंप दिया और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बरतने की सलाह दी।
