प्रयागराज में बड़ा हादसा
महाकुंभ में स्नान करने जा रही तीन महिला श्रद्धालुओं की मंगलवार सुबह दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा प्रयागराज के उतरांव थाना क्षेत्र में नागनाथपुर नेशनल हाईवे पर हुआ, जहाँ एक तेज़ रफ्तार अज्ञात वाहन ने तीनों को कुचल दिया। हादसे के बाद मौके पर मातम पसर गया और श्रद्धालु गहरे सदमे में आ गए।
श्रद्धालुओं के लिए मुश्किल भरी राह
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं, जिनमें से कई पैदल यात्रा करते हैं। लेकिन हाईवे और मुख्य सड़कों पर उनकी सुरक्षा के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जाती। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्रशासन ने अभी तक श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हादसे का मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों महिलाएँ सड़क किनारे धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थीं। तभी अचानक एक अज्ञात वाहन तेज़ गति से आया और उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। इस भयानक टक्कर से तीनों महिलाएँ सड़क पर गिर गईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
परिवारों में मचा कोहराम
घटना की सूचना मिलते ही मृतक महिलाओं के परिवारों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके लिए यह यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि जो अपने पुण्य लाभ के लिए यात्रा पर निकली थीं, वे अब कभी वापस नहीं लौटेंगी।
पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया
हादसे के बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालनी शुरू कर दी है ताकि वाहन और उसके चालक का पता लगाया जा सके।
श्रद्धालुओं ने जताया गुस्सा
इस दुर्घटना के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा देखा गया। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले से ही ऐसे कदम उठाने चाहिए थे जिससे श्रद्धालुओं की जान बच सके। वे सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
महाकुंभ में सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं?
महाकुंभ जैसा भव्य आयोजन करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा होता है। लेकिन इसके बावजूद प्रशासन द्वारा सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं की जाती। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।
मुआवज़े की घोषणा की संभावना
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है। उम्मीद की जा रही है कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवज़ा दिया जाएगा और आगे से सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएँगे।
कैसे टाला जा सकता था यह हादसा?
- श्रद्धालुओं के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए ताकि वे सुरक्षित चल सकें।
- हाईवे पर वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए पुलिस की निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए।
- अंधेरे में चलने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त रोशनी और दिशा-निर्देश होने चाहिए।
- प्रशासन को विशेष टीमें बनाकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
यह हादसा न सिर्फ तीन जिंदगियों को छीन ले गया, बल्कि यह भी दिखाता है कि सुरक्षा की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
